कक्षा चौथी - पाठ -10 थप्प रोटी थप्प दाल
मुन्नी अपनी माँ के पास से आयी | धी , दाल , दही , साग, चीनी , मक्खन आदि चीजें ले आती है | उनके साथियों को रोटी का खेल खेलने केलिए बुलाती है ।
मुन्नी उसके सहेली नीना से कहती है - चुन्नु और टिंकु को बाज़ार से सब्जी लाने का काम देंगे । तब नीना कहती है -"नही, नही, इनसे दाल बनवाएँगे क्योंकि जब उन्हें आग तक जलाने नहीं मालुम तब मज़ा आएगा "।
मुन्नी, सरला को मट्ठा चलाने का काम देती है और तरला को रोटी बनाने में मुन्नी की मदद करने केलिए कहती है । तब नीना कहती है कि वह बिल्ली बनकर बाकी लोगों की चीज़ें खा जाएगी ।
चुन्नु और टींकु बाज़ार से सब्ज़ी लेकर आते हैं और दाल पकाने की तैयारियाँ करते हैं ।
तरला और सहेलियाँ गाना गाकर रोटी बनाते हैं फ़िर वे खाना परोसने लगते हैं । मुन्नी बच्चों से कहती है कि रोटी और दाल खाकर देखो कि खट्टा या मीठा। बच्चे आधा खाना खाते हैं और आधा छींके में रख देते हैं । फ़िर वे सो जाते हैं ।
नीना बिल्ली बनकर म्याॐ - म्याॐ करके आती है और चींके से समान उठाकर खाती है फ़िर वहु मज़े से गाने लगती है "मक्खन रोटी चावल दाल , जी भर खाया कित्ता माल और देखों सब बेचारे खराटे भर के सोते है "
बच्चों में से सरला सबसे पहले उठती है और मक्खन की बर्तन को खाली देखकर चकित हो जाती है | वह बाकी बच्चों को भी बुलाती है | सब समझ लेते हैं कि छींके में रखी सारी चींज़ें बिल्ली ने खा ली ।
बच्चे मिलकर बिल्ली को ढूँढने लगते हैं और उसे पकड़ लेते हैं। वे बिल्ली को मारना शुरु करते हैं और बिल्ली से पूछ्ते हैं कि सारी चीज़े वह क्यों खा ली | बिल्ली ने बोली कि अगर आप ऐसे सो जाएँगे तो मैं फ़िर से खाॐगी । बच्चे उसे मारने की कोशिश करते लेकिन बिल्ली भाग जाती है |